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Indo Pak Relations:भारत-पाकिस्तान संघर्ष

मुद्दा
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विवाद की वजह

कहावत है कि पड़ोसी को चुना नहीं जा सकता। इसलिए सभी शांति प्रिय पड़ोसी की कामना करते हैं लेकिन भारत के मामले में स्थितियां भिन्न हैं। पड़ोसी पाकिस्तान के साथ जंग हो चुकी है और 1962 में चीन के साथ युद्ध होने के बाद हिंदी-चीनी भाई-भाई नारा भी हवा में खो गया। युद्ध खत्म होने के बाद जंगी बंदूकें तो खामोश हो गईं लेकिन तब से लेकर आज तक अविश्वास की खाई भर नहीं पाई है


भारत-पाकिस्तान संघर्ष


सुरक्षा

मुंबई पर 26/11 आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के संबंधों में तल्खी इतनी बढ़ गई कि भारत ने पाकिस्तान से किसी भी स्तर की बातचीत से इन्कार कर दिया था पाकिस्तान भी आरोप लगाता है कि भारत ने उसके बलूचिस्तान प्रांत में गड़बड़ी फैला रखी है


अफगानिस्तान

अफगानिस्तान में वर्चस्व की लड़ाई में लंबे समय से दोनों देश शामिल हैं। पाकिस्तान को आशंका है कि वर्ष 2001 में अफगानिस्तान में उसके समर्थन वाली तालिबान सरकार के पतन के बाद भारत वहां अपना प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिशों में लगातार हुआ है


कश्मीर

इस पर चार बार दोनों के बीच जंग हो चुकी है जल पाकिस्तान का आरोप है कि भारत बांध, बैराज बनाकर अप्रत्यक्ष रूप से नदियों के रुख को मोड़ना चाहता है। भारत इसका खंडन करता है


सियाचिन

1984 से ही कराकोरम रेंज के सियाचिन ग्लेशियर पर कब्जे के लिए दोनों पक्षों की सेनाएं भिड़ती रही हैं। दोनों पक्षों ने दुनिया के इस सबसे ऊंचे रणक्षेत्र से सेनाएं उतारने के लिए समाधान तलाशने की नाकाम कोशिशें की हैं। भारत का कहना है कि वह जब तक यहां से अपनी सेनाएं नहीं हटाएगा जब तक पाकिस्तान इसको औपचारिक रूप से भारत का क्षेत्र नहीं घोषित कर देता।


चीन का चक्कर

भारतीय पक्ष

ब्रिटिश भारत और तिब्बत ने 1914 में शिमला समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मैकमहोन रेखा का निर्धारण किया यह भी मानना है कि इस सीमारेखा का निर्धारण हिमालय के सर्वोच्च शिखर तक किया गया है। चीन इस समझौते को नहीं मानता है


चीनी पक्ष

मैकमहोन रेखा को अवैध मानता है लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की वास्तविक स्थिति कमोबेश यही है इस क्षेत्र में हिमालय प्राकृतिक सीमा का निर्धारण नहीं करता क्योंकि अनेक नदियों यहां से निकलती हैं और सीमाओं को काटती हैं


खतरे के बिंदु

सिक्किम-तिब्बत सीमा को छोड़कर लगभग पूरी भारत-चीन सीमारेखा विवादित है :

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) : 4,056 किमी


अक्साई चिन : भारत का दावा लेकिन वास्तव में चीन का नियंत्रण है


अरुणाचल प्रदेश : चीन का दावा लेकिन भारत के नियंत्रण में है


ब्रह्मपुत्र नदी : चीन यारलुंग सांग्पो (ब्रह्मपुत्र नदी का तिब्बती नाम) इस नदी की धारा को मोड़कर अपने शुष्क उत्तर-पूर्व या उत्तर पश्चिम में जिनजियांग प्रांत तक जल पहुंचाना चाहता है। भारत के भारी विरोध और दबाव के बाद उसने अपनी योजना को फिलहाल स्थगित कर दिया है


दक्षिण चीन सागर मसला

दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में भारत-वियतनाम समझौते के तहत भारत इस क्षेत्र में तेल खनन का कार्य कर रहा है। हाल में चीन ने उस क्षेत्र में अपनी संप्रभुता की बात कहते हुए भारत को वहां से हटने की बात कही। वियतनाम ने भारत का समर्थन करते हुए उस क्षेत्र को अपना बताया है।


स्ट्रिंग आफ पर्ल

हिंद महासागर में भारत को घेरने के लिए चीन, पाकिस्तान के ग्वादर, बांग्लादेश के चटगांव, श्रीलंका के हम्बनटोटा में पत्तन बनाना चाहता है। अमेरिकी रणनीतिकारों के नजरिए में हिंद महासागर में अमेरिका को भारत का सहयोग करना चाहिए


वीजा विवाद

अरुणाचल प्रदेश के नागरिकों को चीन वीजा नहीं देता। इसी तरह वह जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को अलग से नत्थी कर वीजा देता है


अन्य विवादित क्षेत्र

सिक्किम-तिब्बत-पश्चिम बंगाल सीमा के मिलन बिंदु, तवांग के उत्तर में सुमदोरोंग चू , एलएसी में पांच या छह ऐसे बिंदु हैं जो दोनों देशों के बीच विवादित हैं


25 अगस्त को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख ‘दोतरफा साजिश’ कठिन राह पर चलना है मीलों’ पढ़ने के लिए क्लिक करें.


25 अगस्त को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख ‘घुसपैठ का असल मकसद’ कठिन राह पर चलना है मीलों’ पढ़ने के लिए क्लिक करें.

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