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उड़नछू ट्रेनों की दुनिया में कहीं नहीं हैं हम

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3500px-mbs_ICE-Trainविकसित देशों में यात्री ट्रेनों की औसत रफ्तार 200 किमी है, जबकि अभी भी हम 150 किमी से ऊपर नहीं जा सके हैं। व्यवहार में तो हमारी राजधानी व शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी 120 किमी की रफ्तार से चलती हैं। हालांकि हमने छह साल पहले हाईस्पीड ट्रेनों का मंसूबा बांधा था। छह कॉरीडोर की पहचान भी कर ली गई थी। लेकिन सर्वे से आगे काम नहीं बढ़ा। दूसरी ओर चीन ने अपने यहां 9300 किमी का विश्व का सबसे लंबा हाईस्पीड रेलवे नेटवर्क बिछा डाला है। इनमें से एक ट्रैक की लंबाई तो 2298 किमी है जो बीजिंग से ग्वांगझाऊ तक जाता है। चीन दुनिया की सबसे तेज हाईस्पीड ट्रेनें भी चला रहा है। इनकी व्यावहारिक रफ्तार 380 किमी तक है जबकि प्रायोगिक इससे भी ज्यादा है। यह सारा नेटवर्क पिछले पांच सालों में बिछा है। वहां हाईस्पीड की परिकल्पना 1990 में ही हो गई थी, काम 2007 में शुरू हुआ। हमारे यहां अभी सात साल पहले हाईस्पीड पर विचार शुरू हुआ और रेलमंत्री लालू प्रसाद ने छह हाईस्पीड कॉरीडोर बनाने का प्रस्ताव किया। फिर भी ठोस कुछ नहीं हुआ है।

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दूसरी ओर चीन ने मैग्नेटिक लेविऐशन आधारित मैग्लेव ट्रेनों का संचालन भी शुरू कर दिया है। ये ट्रेनें पटरियों से कुछ मिमी ऊपर चलती हैं जिससे घर्षण नहीं होता। हालांकि ऊंची लागत के कारण इनका ज्यादा विकास नहीं हुआ। चीन 2020 तक हाईस्पीड नेटवर्क का विस्तार 20 हजार किमी तक करने पर काम कर रहा है।


चीन ने शुरू में जर्मनी, अमेरिका और जापान (सीमेंस, बंबार्डियर और कावासाकी कंपनियों) से हाईस्पीड ट्रेनें मंगाया था बाद में खुद विकसित किया। हालांकि 23 जुलाई 2011 को वेंझाऊ दुर्घटना के बाद यहां हाईस्पीड ट्रेनों के विकास में थोड़ी सुस्ती आ गई थी। लेकिन अब फिर से काम तेज हो गया है। चीन समेत पूरी दुनिया में 25 देश हाईस्पीड कॉरीडोर ट्रेनें चला रहे हैं। जापान ने इनका आगाज किया था। भारतीय रेलवे की तरफ से अब तक छह हाईस्पीड कॉरीडोर प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें दिल्ली- आगरा-लखनऊ-वाराणसी-पटना (991 किमी), दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर (450 किमी), हैदराबाद-विजयवाड़ा-चेन्नई (644 किमी), चेन्नई-बंगलूर-कोयंबटूर-एर्नाकुलम (649 किमी), हावड़ा-हल्दिया (135 किमी) हैं। इसके अलावा हाल ही में रेलवे और फ्रांस की एसएनसीएफ के बीच हुए करार के मुताबिक फ्रांस मुंबई से अहमदाबाद के बीच 492 किमी हाईस्पीड कॉरीडोर बनाने को तैयार है। कॉरीडोर निर्माण में फ्रांस के साथ रेलवे के अलावा गुजरात व महाराष्ट्र सरकार कीभी हिस्सेदारी निभाने की संभावना है।

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हाईस्पीड लाइनें (किमी में)

देशनिर्मितनिर्माणाधीन
जापान2388775
स्पेन26651781
जर्मनी1032378
फ्रांस1872730
इंग्लैंड1574
इटली134292
रूस780400
द. कोरिया412305
स्वीडन782
तुर्की447
शेष देश400

…………………………………….


जनमत

chart-1क्या अपेक्षित रेल सुविधाओं के लिए आप ज्यादा किराया देने के लिए तैयार हैं ?

58 प्रतिशत हां और 42 प्रतिशत नहीं

chart-2क्या सुरक्षा और सुविधाओं की कसौटी पर भारतीय रेल खरी उतरती हैं ?

78 प्रतिशत नहीं और 22 प्रतिशत हां




Read:अंजाम तक कब पहुंचेगी पेट भरने की कवायद लेखक

Tags:train accidents in India, train accidents in 2012, train services in India, ट्रेनों के किराये, दुर्घटनाओं और मौतों

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