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खूबियां हैं तो खामियां भी

मुद्दा
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विंस्टन चर्चिल ने कहा था, ‘लोकतंत्र शासन की सबसे खराब प्रणालियों में से एक है लेकिन यह बस अपवाद स्वरूप समय-समय पर आजमाई गई अन्य शासन प्रणालियों से बेहतर है।’ यानी कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में कई खामियां एवं समस्याएं हैं लेकिन अन्य प्रणालियां इससे भी खराब हैं। अब चीन जैसे सत्तावादी देश लोकतंत्र को इस मामले में चुनौती देने की स्थिति में हैं कि आर्थिक वृद्धि के मामले में उनका शासन मॉडल ज्यादा बेहतर है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लोकतंत्र वास्तव में बेहतर शासन प्रणाली है?


स्वतंत्रता


खूबियां: सत्तावादी शासनों की तुलना में लोकतांत्रिक देशों के लोग ज्यादा स्वतंत्र होते हैं। उन्हें मतदान के जरिए अपनी सरकार चुनने का हक होता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी उनको सत्तावादी देशों की तुलना में अधिक होता है। यहां तक कि वह अपनी ही सरकार की आलोचना कर सकते हैं।

खामियां: केवल सरकार चुनने की स्वतंत्रता को छोड़कर ऐसा कोई कारण नहीं है जिसमें सत्तावादी देशों में भी लोकतंत्र की तरह स्वतंत्रतापूर्वक नहीं रहा जा सकता।


पारदर्शिता


खूबियां: लोकतंत्र में कार्यपालिका पर ‘नियमन और नियंत्रण’ के लिए कई संस्थाएं हैं। संसद, न्यायपालिका और मीडिया जैसी संस्थाएं कार्यपालिका के व्यवहार पर नजर रखती हैं।

खामियां: ऐसी संस्थाएं केवल लोकतंत्र में ही नहीं है। सत्तावादी शासन में भी पारदर्शिता के साथ ‘चेक और बैलेंस’ की व्यवस्था की संभावना होती है। लेकिन, वहां ऐसा इसलिए नहीं हो पाता क्योंकि उनके पास इन संस्थाओं को कुचलने की इच्छाशक्ति और समय होता है।


मानवाधिकार


लोकतंत्र में मानव अधिकारों के सभी पहलुओं का सम्मान किया जाता है। नागरिकों के स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, आधारभूत ढांचे का विकास, पर्यावरण समेत जीवन के सभी पहलुओं का विकास होता है।


धन की शक्ति


लोकतांत्रिक देशों में चुनावी प्रक्रियाओं पर बहुत सारा धन खर्च होता है। इसके विपरीत सत्तावादी देशों में चुनाव ही नहीं होते। अगर होते भी हैं तो उनकी स्वतंत्रता और निष्पक्षता हमेशा सवालों के घेरे में होती है।


लोगों का प्रतिनिधित्व


खूबियां: लोकतंत्र का सबसे बड़ा गुण है कि यह जनता द्वारा जनता के लिए शासन है। जनता द्वारा निर्वाचित सरकार उनके विचारों का प्रतिनिधित्व करती है और नाराज होने पर वह उसे उखाड़ फेंक सकती है। इसकी एक बड़ी खूबी यह भी है कि यह अन्य शासन पद्धतियों की तुलना में आम आदमी से ताल्लुक रखती है।

खामियां: यह जनसंख्या के बहुमत की तुलना में उन अल्पसंख्यक मतों का प्रतिनिधित्व करती है जो सरकार का निर्धारण करते हैं क्योंकि बहुत से लोग वोट देने ही नहीं जाते। इसके अलावा सत्ता में आने के बाद शायद ही लोग जनता की नुमाइंदगी करते हैं। एक बार सत्ता में आने के बाद वह वर्षों तक मनमानी करते रहते हैं।


आर्थिक वृद्धि


खूबियां: दुनिया के सभी विकसित एवं अमीर देशों में लोकतंत्र है। उन्होंने शुरुआती औद्योगिकीकरण के दौरान अपने यहां लोकतंत्र को विकसित किया है। एक बार विकसित होने के बाद जब अर्थव्यवस्था काफी हद तक सेवाओं पर निर्भर हो जाती है तो ऐसे में रचनात्मकता की शक्ति अहम हो जाती है क्योंकि ऐसे देशों में सूचना प्रोद्यौगिकी, कला, शोध और विकास का महत्व होता है।

खामियां: सत्तावादी देश बड़े प्रोजेक्टों के लिए फायदेमंद होते हैं। ऐसे में आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए आधारभूत ढांचे का विकास करने के लिए ये लोकतांत्रिक देशों की तुलना में बेहतर होते हैं। लोकतंत्र में तमाम दबावों एवं विरोध की वजह से तेजी से विकास की जरूरतें पूरी कर पाना असंभव होता है।


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