Menu
blogid : 4582 postid : 2402

मुद्दा: न्यू मीडिया

मुद्दा
मुद्दा
  • 442 Posts
  • 263 Comments

इंटरनेट और मोबाइल आधारित एक ऐसी तकनीक जिसके माध्यम से संस्थाओं, समुदायों और लोगों के बीच परस्पर संवाद स्थापित किया जा सके, सोशल मीडिया कहलाती है। सोशल मीडिया को मीडिया का नया रूप माना जा रहा है। परंपरागत रूप से मीडिया के तहत अब तक एक तरफा संवाद होता रहा है। हालांकि अब यहां भी पाठकों एवं दर्शकों की तरफ से दोतरफे संवाद की प्रक्रिया ने तेजी पकड़ी है। आज दुनिया में ये तकनीक कई रूपों में प्रभावशाली तरीके से काम कर रही हैं। इंटरनेट फोरम, वेबलॉग्स, सोशल ब्लॉग्स, माइक्रोब्लॉगिंग, विकीज, सोशल नेटवक्र्स, पोडकास्ट, फोटोग्र्राफ या पिक्चर्स, वीडियो. रेटिंग और सोशल बुकमार्किंग जैसे इसके उदाहरण हैं।


दोधारी तलवार

सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों का आंकड़ा दुनिया भर में एक अरब को पार कर गया है। यानी दुनिया का हर छठा व्यक्ति मीडिया के इस नए रूप का उपयोग कर रहा है। भारत में इन माध्यमों का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या अभी छह करोड़ है लेकिन इसमें गुणात्मक रूप से इजाफा हो रहा है। जानी-मानी डिजीटल मार्केटिंग एजेंसी आईक्रासिंग के एक अध्ययन के अनुसार देश में फेसबुक इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 3.6 करोड़ है। इनमें से आधे लोग पचास साल से कम आयु के हैं। इसके अलावा माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट्स ट्विटर और लिंक्डइन को इस्तेमाल करने वालों की संख्या देश में डेढ़-डेढ़ करोड़ है। देश में सोशल मीडिया को उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसने देश में एक व्यापक ऑनलाइन समुदाय का सृजन कर दिया है। यह समुदाय किसी भी मसले पर आपसी संवाद के लिए स्वतंत्र है। यहां ये लोग न सिर्फ अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं बल्कि उन्हें तर्कों के प्रहार से दूसरों की राय खारिज करने की भी सहूलियत हासिल है। कार्यकर्ता समुदाय के लिए यह एक बेहतर प्लेटफार्म साबित हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार सोशल मीडिया का दूसरा पहलू इसे दोधारी तलवार बनाता है। कई लोग इसका इस्तेमाल दुष्प्रचार और गलतफहमी फैलाने में करने लगे हैं। चूंकि इस समुदाय की संख्या तेजी से बढ़ रही है लिहाजा इनके द्वारा सोशल मीडिया के बेजा इस्तेमाल की सूरत इसे दोधारी तलवार बना देती है।

………………………………………..


बढ़ता दायरा

सोशल मीडिया की पहुंच हर क्षेत्र में तेजी से हो रही है। सूचनाओं से लेकर, शिक्षा, कारोबार, मनोरंजन, तकनीक सहित तमाम क्षेत्रों में इसने अपनी पैठ बना ली है। इसके इस्तेमाल से आप कोई भी सटीक जानकारी हासिल कर सकते हैं।


सटीक सूचना सबसे पहले

क्या आप जानते हैं कि 2004 में इंडोनेशिया में आए भूकंप से उठी सुनामी की खबर सबसे पहले किसने दी थी? पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन के ठिकाने पर अमेरिकी  हमले की सबसे पहले सूचना कहां से आई? जी हां, ऐसी तमाम बड़ी सूचनाओं को सबसे पहले देने वाला स्नोत अब सोशल मीडिया बन चुका है। आप कहीं पर हैं और वहां कोई बड़ी घटना हो जाती है तो आप तुरंत उस घटना को सोशल मीडिया पर डाल देते हैं। आए दिन बड़ी खबरों में ट्विटर या फेसबुक से जुड़ी खबरें शामिल रहती हैं। वे चाहे किसी सेलेब्रिटी से जुड़ी हों या किसी राजनेता या अभिनेता का बयान हो।

बड़ी क्रांतियों का माध्यम

फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, फ्लिकर, ब्लॉग्स, पॉडकास्ट्स, गूगल आदि डिजीटल माध्यमों की दिनोंदिन होती सर्वव्यापी पहुंच से इनके महत्व और उपयोग को कई नए आयाम मिले हैं। विभिन्न आयु व पेशागत वर्गों में भी ये माध्यम अपनी पैठ बढ़ाते जा रहे हैं। इन प्लेटफॉर्मों से आपका संदेश बहुत आसानी से लोगों तक पहुंच जाता है। मिस्न, सीरिया, लीबिया, ट्यूनीशिया, बहरीन जैसे मुल्कों में क्रांति का बिगुल सोशल मीडिया के मार्फत ही वहां की जनता ने बजाया। शक्तिशाली अमेरिका को हिलाने वाले आक्युपाइ वॉलस्ट्रीट आंदोलन को भी इसी मीडिया ने परवान चढ़ाया। भारत में अन्ना हजारे के लोकपाल अभियान को सोशल मीडिया ने बहुत बल दिया।


चुनाव प्रचार का सशक्त माध्यम

आज सोशल मीडिया शक्ति का एक नया केंद्र बन चुका है, जिससे सभी देशों के राजनीतिक दल व नेता जुड़ना चाहते हैं। फ्रांस में हुए राष्ट्रपति चुनावों के दौरान निकोलस सरकोजी और फ्रांसुआ ओलेंड ने प्रचार अभियान में सोशल मीडिया का जमकर उपयोग किया। अमेरिका चुनावों में सोशल मीडिया की प्रमुख भूमिका रहती है। ओबामा ने युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए इस माध्यम का खूब उपयोग किया। पाकिस्तान में इमरान खान और उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ लोगों से इसी माध्यम से संवाद कायम रखे हुए है।

सशक्त दबाव समूह

सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने के लिए यह एक सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। ऑनलाइन माध्यम से इनकी रायशुमारी के लिए आज सरकारें विवश हैं। किसी भी मसले पर जनता की राय जानने के लिए उसे सरकारी वेबसाइटों पर डाला जाने लगा है। समाज हित में कोई काम करवाने के लिए ऑनलाइन समुदायों का दबाव काम आ रहा है। कई सरकारी विभाग जैसे पुलिस और यातायात इस प्लेटफार्म का प्रभावी इस्तेमाल कर रहे हैं।


सतर्क उपभोक्ता

आप किसी भी उत्पाद के बारे में जानना समझना चाहते हैं तो अपनी आशंका ऑनलाइन पोस्ट कर सकते हैं। उस उत्पाद या सेवा को इस्तेमाल कर रहे या कर चुके ऑनलाइन समुदाय के लोग आपकी जिज्ञासा चुटकियों में शांत करते हैं।

……………………………………………………..


प्रतिबंध की प्रक्रिया

इंटरनेट पर मौजूद अरबों की संख्या में वेबसाइटों में से प्रत्येक का दुनिया के किसी हिस्से में एक होस्ट सर्वर होता है। जब हम ब्राउजर पर किसी वेबसाइट को खोजते हैं तो डोमेन नेम सिस्टम के चलते वह हमारे सामने खुल जाती है। किसी वेबसाइट को ब्लॉक किए जाने का मतलब होता है कि जब आप अपने कंप्यूटर पर उसका यूआरएल लिखते हैं तो ब्राउजर बताता है कि यह साइट आपके लिए सुलभ नहीं है।

प्रावधान

इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 की धारा 69 ए सरकार को किसी भी वेबसाइट को ब्लॉक करने की ताकत देती है। हालांकि इस विशेषाधिकार का इस्तेमाल विशेष परिस्थितियों में ही किया जा सकता है।


कदम

किसी वेबसाइट को ब्लॉक करने का निर्देश सरकार की तरफ से संबंधित किसी सक्षम अधिकारी द्वारा दिया जाता है। यह अधिकारी सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आइटी विभाग के साइबर लॉ प्रभाग में समूह कोआर्डिनेटर होता है। अगर यह अधिकारी इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि फलां वेबसाइट को ब्लॉक करना है तो किसी सरकारी एजेंसी या मध्यस्थ को लिखित निर्देश जारी करता है। ऐसे हर मामलों में दूरसंचार विभाग अधिसूचना जारी करता है। यह विभाग सभी इंटरनेट सेवा कंपनियों और मध्यस्थों को उस वेबसाइट को ब्लॉक करने का निर्देश देता है।


कितना कारगर

भले ही किसी भी वेबसाइट को कहीं भी ब्लॉक किया गया हो, लेकिन इंटरनेट पर मौजूद टूल्स, साफ्टवेयर और प्रॉक्सी सर्वरों की सहायता से उसे खोला जा सकता है। ऐसा इसलिए होता है कि किसी खास वेबसाइट को खास क्षेत्र के लिए ब्लॉक किया जाता है। दुनिया के अन्य हिस्सों में उसे आसानी से एक्सेस किया जा सकता है।


निर्देश की अवहेलना

किसी वेबसाइट को ब्लॉक करने वाले सरकार के निर्देश का अनुपालन किसी एजेंसी या मध्यस्थ द्वारा नहीं किया जाना इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 की धारा 69 ए के तहत अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए सात साल तक की सजा और अर्थदंड का भी प्रावधान है।



Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh