Menu
blogid : 4582 postid : 1573

दस के दम से भ्रष्टाचार बेदम!

मुद्दा
मुद्दा
  • 442 Posts
  • 263 Comments

भ्रष्टाचार पर बढ़ती जन जागरूकता और लोगों का दबाव रंग लाने लगा है। सरकार के प्रयासों से अब लगने लगा है कि वह इसे खत्म करने के लिए वह संजीदा है। वह लोकपाल के साथ-साथ कई ऐसे सख्त कानूनों पर काम कर रही है जिससे भ्रष्टाचार के दानव का काम तमाम किया जा सके। इन दस कानूनों में से कुछ तो अस्तित्व में भी आ चुके हैं।


नागरिक अधिकार शिकायत निवारण विधेयक-2011

सूचना अधिकार कानून की तर्ज पर जनता के शिकायत अधिकारों से संबंधित नया कानून लाने की घोषणा की है।


लोकपाल कानून

सख्त लोकपाल कानून लाने के लिए कई संगठनों ने अपना मसौदा पेश किया है। यह अब संसद की स्थायी समिति के पास है।


सूचना का अधिकार कानून

लोगों तक सूचनाओं की पहुंच के लिए 12 अक्टूबर, 2005 को सूचना का अधिकार कानून अस्तित्व में आया।


ज्युडीशियल स्टैंडर्ड एंड अकाउंटबिलिटी बिल-2010

न्यायिक क्षेत्र में सुधार के लिए यह कानून लाया जा रहा है। इसकी बड़ी खूबी जजों की पारदर्शी नियुक्ति संबंधी प्रावधान है।


पब्लिक प्रोक्योरमेंट बिल

पेंसिल से लेकर विमान तक के सरकारी खरीद समझौतों में पारदर्शिता लाने के लिए यह बिल प्रस्तावित है।


प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट एंड अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) एक्ट

इस संशोधित बिल में 28 विभिन्न रूपों वाले 156 अपराधों से निपटने का प्रावधान है। आतंकी वित्त स्रोतों से निपटने में भी सक्षम।


व्हिसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल

अगस्त 2010 में पब्लिक इंट्रेस्ट डिसक्लोजर एंड प्रोटेक्शन टू पर्सन मेकिंग द डिस्क्लोजर बिल 2010 को कैबिनेट की स्वीकृति मिली।


इलेक्ट्रॉनिक सर्विस डिलीवरी बिल

सरकारी दफ्तरों एवं कामकाज में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जनसेवा मुहैया कराने को लेकर यह बिल प्रस्तावित है।


यूआइडी अथॉरिटी ऑफ इंडिया बिल 2010

सितंबर,2010 में इसे कैबिनेट की मंजूरी मिली। इस बिल में नेशनल आइडेंटीफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया बनाने का प्रस्ताव है।


ब्राइबरी ऑफ फॉरेन पब्लिक ऑफिशियल

विदेशी अधिकारियों द्वारा घूस देने पर रोक लगाने के लिए इस साल के बजट सत्र में इसे लोकसभा में पेश किया गया।


06 नवंबर को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “कानून से ज्यादा नैतिक निर्माण की जरूरत”  पढ़ने के लिए क्लिक करें.

06 नवंबर को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “सिटिजन चार्टर की हकीकत”  पढ़ने के लिए क्लिक करें.

06 नवंबर को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “सिटिजन चार्टर की खास बातें”  पढ़ने के लिए क्लिक करें.

06 नवंबर को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “शिकायत की सुनवाई से कार्रवाई तक!”  पढ़ने के लिए क्लिक करें.

साभार : दैनिक जागरण 06 नवंबर 2011 (रविवार)

नोट – मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to DestinyCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh