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सीरियल बम विस्फोट (1993): 12 मार्च को मुंबई के 13 जगहों को निशाना बनाते हुए सीरियल धमाके किए गए। इनमें 257 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हुए।
इन हमलों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के इशारे पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने अंजाम दिया था।
घाटकोपर (2002): छह दिसंबर को एक बस में बम विस्फोट से दो लोग मारे गए
विले पार्ले (2003): 27 जनवरी को साइकिल में हुए विस्फोट से एक व्यक्ति मारा गया। उस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी दौरे पर थे.
ट्रेन विस्फोट (2003): 13 मार्च को मुलुंड स्टेशन पर एक लोकल ट्रेन में हुए विस्फोट में चार महिलाओं समेत 10 लोगों की मौत हो गई.
गेटवे ऑफ इंडिया (2003): 25 अगस्त को गेट वे ऑफ इंडिया और झवेरी बाजार में हुए दो कार बम विस्फोटों में 52 लोगों की मृत्यु हो गई। पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ इसमें माना गया। इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। पोटा अदालत ने 2009 में उनको फांसी की सजा सुनाई.
सीरियल ट्रेन बम विस्फोट (2006): 11 जुलाई को शाम 6:24 से 6:35 बजे के दौरान उपनगरीय स्टेशनों पर सिलसिलेवार सात बम विस्फोटों में 209 लोग मारे गए। ये बम प्रेशर कुकर में रखे गए थे। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और सिमी एवं इंडियन मुजाहिदीन को जिम्मेदार माना गया.
26/11 आतंकी हमला (2008): 26 से 28 नवंबर तक लगातार तीन दिन तक मुंबई शहर को लगभग बंधक बनाते हुए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने हमला किया। उन्होंने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताजमहल पैलेस, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस में गोलीबारी कर 166 लोगों को मार दिया। सुरक्षा बलों ने नौ आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया।
अजमल कसाब नामक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया। पिछले साल एक ट्रायल अदालत ने पांच केसों में कसाब को फांसी की सजा सुनाई है.
सीरियल बम धमाके (2011): 13 जुलाई को शाम 6:54 से 7:06 मिनट के बीच ओपेरा हाउस, झवेरी बाजार और दादर के बीच हुए तीन बम विस्फोटों में 18 लोग मारे गए.
काबुल और कराची की जमात में मुंबई!
एक के बाद एक लगातार आतंकी हमलों को सहने वाली मुंबई आतंकियों का आसान निशाना बन चुकी है, लेकिन हैरान करने वाला तथ्य यह है कि आतंकी हमलों में हताहतों की संख्या के आधार पर यह शहर आतंक के केंद्र माने जाने वाले कराची और काबुल के साथ खड़ा है।
अमेरिकी सरकार के वर्ल्डवाइड इंसीडेंट ट्रैकिंग सिस्टम के अनुसार 2005 से मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 394 लोग मारे गए और 1349 लोग घायल हुए। इसी समय के दौरान कराची में आतंकी हमलों के चलते 500 मौतें हुईं और 1103 लोग घायल हुए। जबकि आतंक का अखाड़ा बन चुके शहर काबुल में इसी दौरान 520 लोग मारे जा चुके हैं और 1836 घायल हुए हैं। बात यही नहीं खत्म होती। देश के सभी मेट्रो शहरों में आतंकवाद के चलते सबसे ज्यादा खून मुंबई का ही बहा है। 2005 से आतंकी हमलों में दिल्ली में मारे गए लोगों की संख्या 97 और बेंगलूर में दो है।
आतंकी हमलों में मारे गए लोग (2005 के बाद अब तक)
शहरों में
मुंबई : 394
दिल्ली : 97
बेंगलूर : 3
कराची : 500
काबुल : 520
मैड्रिड : 2
राज्योंमें
महाराष्ट्र : 506
दिल्ली : 100
गुजरात : 87
राजस्थान : 73
आंध्रप्रदेश :व 50
कर्नाटक : 2
17 जुलाई को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “नहीं भाती किसी की खुशहाली” पढ़ने के लिए क्लिक करें.
साभार : दैनिक जागरण 17 जुलाई 2011 (रविवार)
नोट – मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.
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