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देश के शीर्ष आठ खिलाड़ियों के डोपिंग मामले में फंसने के बाद यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर विदेशी कोचों की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है? सूत्रों के अनुसार चयन के इस मामले में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआइ) की निर्भरता अंतरराष्ट्रीय मैनेजर एलेक्स मिनोकोयी पर है। एलेक्स इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन (आईएएएफ) से मान्यता प्राप्त मैनेजर है। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में एएफआइ एलेक्स को ही आधिकारिक मैनेजर के तौर पर नामित करती है।
विदेशी कोचों को चुनने के मामले में हाल के वर्षों में एलेक्स पर एएफआई की निर्भरता बढ़ती गई है। एलेक्स की सलाह पर ही एएफआई विदेशी कोच के नाम की अनुशंसा स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साइ) को भेजती है। जिसके आधार पर साई नियुक्ति करती है।
पिछले एक दशक में स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साइ) ने 30-40 विदेशी कोचों को नियुक्त किया है। इनमें से अधिकांश पूर्व सोवियत संघ के गणराज्यों (अधिकांश पूर्वी यूरोप के देश)से ताल्लुक रखते हैं। इसी साल मई से लेकर अब तक साई ने छह कोचों की नियुक्ति की। इनमें से यूरी ओगोरोडोनिक समेत समेत चार यूक्रेन के हैं। बाकी दो रूस और उज्बेकिस्तान के हैं।
विदेशी कोच
1. यूरी ओगोरोडोनिक, यूक्रेन (4 गुणा 400 महिला) : बर्खास्त किए गए
2. दिमित्री विनयगन, यूक्रेन (100, 4 गुणा 100, पुरुष)
3. अनातोली वरदा, यूक्रेन (पुरुष 400, 4 गुणा 400)
4. लेवजेन निकितिन, यूक्रेन (हाई जंप)
5. शिवली एवीजीन, उजबेकिस्तान (ऊंची कूद)
6. अलेक्जेंडर आर्टीबाशेव, रूस (पैदल चाल)
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साभार : दैनिक जागरण 10 जुलाई 2011 (रविवार)
नोट – मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.
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