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–क्या आने वाले दिनों में खाद्य सुरक्षा एक बड़ा संकट है?
हां-82%
नही-18%
– क्या खाद्य सुरक्षा को लेकर भारत सरकार गंभीर है?
हां-6%
नही-94%
आपकी आवाज
हमारे देश में खाद्य सुरक्षा एक विकराल समस्या बनकर उभरी है। जनसंख्या नियंत्रण की दोमुंही नीति के अलावा अल्पवृष्टि इसके नकारात्मक पक्ष हैं – नारायण कैरो (रांची).
देश की आबादी के अनुपात में खाद्य पदार्थों के उत्पादन में वृद्धि नहीं हो रही है। मौसम के चक्र में बदलाव भी इसका एक कारण है। खाद्य वस्तुओं की पैदावार को बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए – राजेश कुमार (जालंधर)
खाद्य पदार्थों के संग्र्रहण के लिए गोदामों की कमी को देखकर लगता है कि आने वाले दिनों में खाद्य सुरक्षा एक बड़ी समस्या का रूप लेगी – अल्का चंद्रा (कानपुर)
20 मार्च को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “खाद्य सुरक्षा कानून से पहले बढ़ानी होगी उपज” पढ़ने के लिए क्लिक करें.
20 मार्च को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “खाद्य असुरक्षा !” पढ़ने के लिए क्लिक करें.
20 मार्च को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “खाद्य सुरक्षा विधेयक-प्रारूप” पढ़ने के लिए क्लिक करें
20 मार्च को प्रकाशित मुद्दा से संबद्ध आलेख “…फिर भी है उम्मीद, हम होंगे कामयाब!” पढ़ने के लिए क्लिक करें
साभार : दैनिक जागरण 20 मार्च 2011 (रविवार)
मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.
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