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अरब देशों में 40 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं। वहां चल रही इस हलचल का सीधा असर भारत और इन भारतीयों के हितों पर पड़ रहा है।
कुवैत
4.52 लाख, कुल आबादी का करीब 4 फीसदी, 1.2 लाख भारतीय महिलाएं नौकरानी का काम करती हैं. 2009-10 में द्विपक्षीय व्यापार 900 करोड़ डॉलर
ओमान
3.5 लाख भारतीय पुरुष निर्माण मजदूर और महिलाएं नौकरानी का काम करती है। द्विपक्षीय कारोबार 450 करोड़ डॉलर ।
बहरीन
1.35 लाख भारतीय (डॉक्टर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, बैंकर्स, मैनेजर, तकनीकी विशेषज्ञ और निर्माण मजदूर), 2009-10 में द्विपक्षीय कारोबार करीब 100 करोड़ डॉलर ।
सउदी अरब
14.2 लाख भारतवंशी। भारत सउदी अरब का चौथा सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी है। इनके बीच द्विपक्षीय कारोबार 67 लाख डॉलर है। भारत सबसे ज्यादा कच्चे तेल का आयात यहीं से करता है।
कतर
दो लाख भारतीय विभिन्न कारोबार और दफ्तरों में सभी स्तर पर तैनात। रेडीमेड वस्त्रों, चाय और सब्जियों का भारत सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है।
संयुक्त अरब अमीरात
12 लाख भारतीय। 2009 में भारत इस देश का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी बना। सालाना 2400 करोड़ का निर्यात।
यमन
कुशल पेशेवर समेत एक लाख भारतीय प्रमुख रूप से स्कूलों और अस्पतालों में कार्यरत हैं। यहां से भारतीय आयात कच्चा तेल, सब्जियां, चर्बी और कॉफी है जबकि प्रमुख निर्यात गेहूं, चीनी, इलेक्ट्रानिक उत्पाद, और वाहनों के कलपुर्जे हैं।
अल्जीरिया
1000 भारतीय, 2009 में द्विपक्षीय कारोबार 107 करोड़ डॉलर।
लीबिया
15000 भारतीयों में से आधे राजधानी त्रिपोली में या इसके आसपास रहते हैं। भारतीय आईटी छात्रों और उद्यमियों के लिए यहां व्यापक संभावनाएं। भेल और प्रमुख भारतीय तेल कंपनियों की यहां मौजूदगी।
मिस्र
3500 भारतीय, भारतीय निर्यात 210 करोड़ डॉलर
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साभार : दैनिक जागरण 27 फरवरी 2011 (रविवार)
मुद्दा से संबद्ध आलेख दैनिक जागरण के सभी संस्करणों में हर रविवार को प्रकाशित किए जाते हैं.
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